विज्ञान

एलियंस हंटिंग दूरबीन से होगी एलियंस की खोज

दुनिया मे पहली बार एलियंस के जीवाश्म प्रदर्शन की खबर पढ़ी। पेरू के कुस्को में यूएफओ मलबे में मिले थे। यह जीवाश्म डायटम (शैवाल) खदानों में पाए गए थे जिन्हें के सेन लाजारो महल में एक हजार वर्ष कथित एलियंस के दो जीवाश्मों को पहली बार दुनिया के सामने पेश किया गया। सवाल ये उठता है कि दूसरे ग्रहों के एलियंस की बात दुनिया के सामने इतने वर्षों तक क्यों छुपाई गई । यूएफओ ,एलियन प्रकाश के माध्यम से आना जाना करते। उनकी रफ्तार इतनी ज्यादा होती की वो आज तक धरती वासियों की पकड़ से दूर रहे है। इसलिए इनके द्धारा बनाई जाने वाली चीजों को हम आश्चर्य के रूप में देखते आए है।किंतु इन पर शोध करने की गति भी काफी धीमी है।चांद पर एलियन की बस्ती जैसी हवा को दूर कर वास्तविक स्थिति को विक्रम लेंडर अपनी खोज से एलियन की स्थिति भी स्पष्ट कर देगा।पत्रिका न्यूज के अनुसार एलियंस की खोज की दिशा में कदम उठाते हुए अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा हैबिटेबल वर्ल्ड्स ऑब्जवेटरी (एचडब्ल्यूओ) लांच करने की तैयारी में जुटी है| यह वेधशाला विशेष टेलिस्कोप से लेंस होगी,जिसे एलियंस हंटिंग दूरबीन कहा जा रहा है | वैज्ञानिकों का कहना है कि इसकी मदद से 2050 तक ऐसे ग्रहों की खोज करेंगे ,जहां जीवन हो | यानि एलियन रहते हो |अभी कुछ दिनों पूर्व नासा के वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष मे “हम्म “की आवाज सुनी।इससे उन्होंने अंदाजा लगाया कि ये एलियन की ही आवाज हो सकती है।जो हमसे संपर्क करना चाहते हैं।आवाज पर अब शोध हो रहा है।नार्वे स्थित मैसेजिंग एक्सट्राटेरेस्ट्रायल इंटेलिजेंस के वैज्ञानिकों ने एलियन को गत वर्ष भेजा संदेश जिसमे गणना ,अंकगणित और ज्यामिति से जुडी सूचनाओं के साथ घडी देखने की तकनीक के अलावा वहां पर पानी या जीवन होने का पता लगाना भी प्रमुख है | उम्मीद लगभग एक माह में जवाब मिल जाने की उम्मीद कर रहे थे वैज्ञानिक | एलियन के आवाज के कोड को पहचानना की वो पृथ्वीवासियों से क्या कह रहा है।बहुत मुश्किल कार्य है।और इसे समझने में और हमारी भाषा उन्हें समझने में वर्षो लग जाएंगे।कई वैज्ञानिक इन्हें तारे जीजे 273 से जो की सूर्य से 12 प्रकाश वर्ष दूर स्थित रहने का दावा करते है |देखा जाए तो यूएफओ और एलियंस के वीडियो व् उसपे आधरित काल्पनिक फिल्मे कई वर्षो से देखते आरहे है |अमेरिका में एरिया 51 है जो प्रतिबंधित क्षेत्र है |वहां पर भी एलियंस ,यूएफओ के होने रहस्य बरक़रार है | समुद्र में रहस्यमयी क्षेत्र बरमुंडा त्रिकोण में एलियन का अड्डा होने की बातें फैलाई जाती रही है | यह भी प्रश्न सोचने को मजबूर कर देता है की अमेरोका व् अन्य देशों के पास कई तरह की मिसाइल जैसे हवा से हवा में मार करने वाली है व् अन्य सक्षम ,सशक्त टेक्नॉलॉजी मौजूद होने के बावजूद यूएफओ और एलियन को आज तक क्यों नहीं पकड़ पाई |भारत में इनके देखे जाने की घटनाएं ज्यादा सुर्ख़ियों में नहीं आई है |

— संजय वर्मा “दृष्टि”

*संजय वर्मा 'दृष्टि'

पूरा नाम:- संजय वर्मा "दॄष्टि " 2-पिता का नाम:- श्री शांतीलालजी वर्मा 3-वर्तमान/स्थायी पता "-125 शहीद भगत सिंग मार्ग मनावर जिला -धार ( म प्र ) 454446 4-फोन नं/वाटस एप नं/ई मेल:- 07294 233656 /9893070756 /[email protected] 5-शिक्षा/जन्म तिथि- आय टी आय / 2-5-1962 (उज्जैन ) 6-व्यवसाय:- ड़ी एम (जल संसाधन विभाग ) 7-प्रकाशन विवरण .प्रकाशन - देश -विदेश की विभिन्न पत्र -पत्रिकाओं में रचनाएँ व् समाचार पत्रों में निरंतर रचनाओं और पत्र का प्रकाशन ,प्रकाशित काव्य कृति "दरवाजे पर दस्तक " खट्टे मीठे रिश्ते उपन्यास कनाडा -अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व के 65 रचनाकारों में लेखनीयता में सहभागिता भारत की और से सम्मान-2015 /अनेक साहित्यिक संस्थाओं से सम्मानित -संस्थाओं से सम्बद्धता ):-शब्दप्रवाह उज्जैन ,यशधारा - धार, लघूकथा संस्था जबलपुर में उप संपादक -काव्य मंच/आकाशवाणी/ पर काव्य पाठ :-शगुन काव्य मंच