प्यार का एग्रीमेंट
आँखों के रास्ते
चलते हुए
चुपके से
दिल में आ बैठ गए
और ऐसे बैठे
कि कब्ज़ा ही कर लिया
इस दिल पर
जो था कभी मेरा
अब है जो कब्जे में आपके
बेदखल करें तो करें कैसे
किसी अदालत में भी
अर्जी लगा सकते नहीं
नहीं है ग्यारह महीने का
एग्रीमेंट हमारे पास कोई