पैसा पैसा पैसा
जगत मेँ दिखती
दो ही की माया
इक ईश्वर इक पैसा
इक अदृश्य
इक दृश्यवान
आज पैसा हुआ
ईश्वर से बड़ा
पैसे के आगे
झुकती दुनियां
पैसे से सब मिलता
पदवी मान सम्मान
न्याय बिके
ईमान बिके
देह बिके
आवाज बिके
न जाने क्या क्या बिक जाता
इस पैसे के आगे
ईश्वर का दर खाली मिले
पैसे वाले का भरा हुआ
लेकिन एक बात यह भी सच है
चाहे सब कुछ खरीद सकता हो पैसा
जीवन नहीं खरीद सकता.