कविता

देशहित में नहीं फ्री में उड़ाना

तीन सौ यूनिट बिजली फ्री
देने का जो किया था वायदा
सत्ता जब मिल गई झूठ से
तब एक सौ पच्चीस भी लग रही ज़्यादा

लोगों को झूठ के जाल में फंसाना
नेताओं का काम है यह पुराना
झूठ पर झूठ लगातार बोलना
हर बार लोगों को मूर्ख बनाना

बन्द करो अब मूर्ख बनाना
लोगों को अब लगा है समझ आना
वायदा क्यों करते हो ऐसा
जो मुश्किल पड़े फिर निभाना

देर से ही सही यह फैसला है अच्छा
बन्द करो अब घर बैठ कर किसी को खिलाना
सरकार तो बन जाती है ऐसे फैसलों से
लेकिन देश हित में नहीं है लोगों का पैसा उड़ाना

फ्री की सुविधाओं ने देश को पंगु बना दिया
जहां देखो सब्सिडी में पैसा उड़ा रहे
राशन जो फ्री में मिल रहा बेचा जा रहा
फिर भी लगातार उनको दिए जा रहे

— रवींद्र कुमार शर्मा

*रवींद्र कुमार शर्मा

घुमारवीं जिला बिलासपुर हि प्र