मुक्तक
सिल जीवन है मौत है बट्टा हम सब प्राणी ही दाने हैं
नियति सभी को पीस रही है शाश्वत सत्य सभी जाने हैं
अपने अपने अर्थ लगाकर सारे ज्ञानी ज्ञान बांटते
सच सुनने वाले तो कम है ज्यादा समझाने वाले हैं
— डॉक्टर इंजीनियर मनोज श्रीवास्तव
सिल जीवन है मौत है बट्टा हम सब प्राणी ही दाने हैं
नियति सभी को पीस रही है शाश्वत सत्य सभी जाने हैं
अपने अपने अर्थ लगाकर सारे ज्ञानी ज्ञान बांटते
सच सुनने वाले तो कम है ज्यादा समझाने वाले हैं
— डॉक्टर इंजीनियर मनोज श्रीवास्तव