कविता

वर्षा

वर्षा आई,
मन में कितने
रोष लिए,
आसमां ने हवाले
कर दिया ज़मीन के,
और उसने
सींच दिया अपने दुखों से
पेड़- पौधे खेत- खलिहान
मैं बचा रही हूं मन में
अपने हिस्से की उदासियां
बरसेंगे बस उसके स्पर्श से
की उसका बंजर मन
मुझे ही सींचना है
नए अंकुर फूटें,
जीने के, बहाने बने
हमें फिर धूप का
इंतजार भी करना है।

— सविता दास सवि

सविता दास सवि

पता- लाचित चौक सेन्ट्रल जेल के पास डाक-तेजपुर जिला- शोणितपुर असम 784001 मोबाईल 9435631938 शैक्षिक योग्यता- बी.ए (दर्शनशास्त्र) एम.ए (हिंदी) डी. एल.एड कार्य- सरकारी विद्यालय में अध्यापिका। लेखन विधा- कविता, आलेख, लघुकथा, कहानी,हाइकू इत्यादि।

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