गीतिका/ग़ज़ल

आपने

बड़ी शिद्दत से यारा यारी निभाई आपने।
बस इश्क की हमे बीमारी लगाई आपने।।
बार बार दिल मेरा तोड़कर जाया किये।
संग मेरे अच्छी दिलदारी दिखाई आपने।।
हम तो आस का दिया लिये खड़े ही रहे।
दूर जाती धुंधली सवारी दिखाई आपने।।
खत अब आपके लिये लिखा जाता नही।
कसमें वादो में लाचारी दिखाई आपने।।
भर आपका भी दिल गया हमारी बात से।
नही आंखो मे नमी बेकरारी दिखाई आपने।।
हम तो रोया किये उम्रभर आपके लिये।
अजब तरह की कलाकारी दिखाई आपने।।
जब भी पहुंचे हम आपकी महफिल मे ।
गैरो के आंचल पे पहरेदारी दिखाई आपने।।
हमसे तो पलट कर जाया भी न गया।
दरवाजे की ओट से महामारी दिखाई आपने।।
कुछ कम ही तो था प्यार दिल मे आपके।
राजवाड़ो की जिम्मेदारी दिखाई आपने।।

— प्रीती श्रीवास्तव

प्रीती श्रीवास्तव

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