कविता – लापरवाही न करें
यही जिंदगी को राहत दिलाने की,
एक उम्दा आगाज़ है।
लोगों को समझाने का,
सही और सटीक आवाज है।
लापरवाही हमेशा तकलीफ देती है,
उम्मीदों को खत्म कर जिंदगी की,
तमाम हसरतें खत्म करने में,
सबसे पहले सामने आकर,
मुश्किल वक्त की सजा देती है।
औकात में रहने और सुकून देने वाली ताकत बनकर,
सबकी नजर बचाकर रखना,
एक सुखद अहसास दिलाने में,
मदद करता है।
आगे बढ़ने में इन्सानियत को बरकरार रखने का,
एक उम्दा प्रदर्शन करते हुए,
नजीर बनता है।
यह सुरक्षित बने रहने की कोशिश है,
आगे बढ़ने में,
इसकी वजह यह बतातीं है कि,
यही जिंदगी की सबसे बड़ी इबादत है,
इसे हम नहीं कह सकते हैं कि,
यह कोई फरमाइश है।
आगे बढ़ने में इन्सानियत और मानवता को,
एक सुखद अनुभव देती हैं।
सम्मान और पुरस्कार दिलाने में,
अहम् भूमिका निभाने वाली ताकत बनकर,
सबके हृदय में धारण करने की,
ताकत और प्रसन्नता की,
बातें करते हुए सामाजिक संचेतना को,
सबसे खूबसूरत बनातीं है।
उत्तम विचार कर,
हमें सफलता प्राप्त करने की हिम्मत रखनी चाहिए।
उम्दा आगाज़ किया जाता है,
इस कारण से,
इसकी वजह जानने की,
जरूरत दिखाई देती है।
आज़ सम्मान और पुरस्कार दिलाने में,
लापरवाही से बचना चाहिए।
नज़रों से देखा जाए तो,
इस ताकत को,
हमेशा साथ-साथ चलने वाली ताकत बनकर,
हमेशा उम्मीद बनाएं रखने में,
इसकी सोहबत रखनी चाहिए।
— डॉ. अशोक, पटना