प्रेरक
हमें जिंदगी में अनगिनत
लोगों समूहों और बातों से
भरपूर प्रेरणा मिलती है,
पर सबसे ज्यादा प्रेरक होता है
विचारधारा जी हां विचारधारा,
हमें चलना ही होता है
किसी नीति नियम के पीछे
चाह कर भी नहीं कर सकते किनारा,
जो हमारे सामने रखता है
एक उद्देश्य एक लक्ष्य,
जिसमें छुपा रहता है गूढ़ रहस्य,
हम उठते बैठते खाते पीते
रखते हैं विशेष ध्यान,
देते हुए भरपूर सम्मान,
रास्ते दो प्रकार के होते हैं,
एक मानवीय मूल्यों पर आधारित,
जो हमें सिखाता है
संवेदना,नैतिकता और सद्कर्म,
जिसमें रहता है मानवीय मर्म,
दूसरा रास्ता अमानवीयता पर
आधारित होता है,
जो अत्यधिक प्रचारित होता है,
जिसके अंदर छुपी होती है
तमाम तरह की बुराइयां,
जिसके पास भी नहीं फटकती अच्छाइयां,
अनैतिकता लूट खसोट
व्यभिचार हत्या आदि को बढ़ावा मिलता है,
संवेदना शून्यता पर किसी का
चेहरा खिलता है,
तो चलना आपको है,
प्रेरक राह आपको चुनना होगा।
— राजेन्द्र लाहिरी