मुक्तक/दोहा

मुक्तक

जो बलबलाया वक्त से, अंदर चला गया
कुपित हुए अगस्त्य, समुंदर चला गया
खबरों के मसीहा न दंभ पालिए ऐसे
जिंदा हैं सूर-तुलसी, सिकंदर चला गया।

— सुरेश मिश्र

सुरेश मिश्र

हास्य कवि मो. 09869141831, 09619872154