मीत बनाना सीख लो
करुणामय मन सा हो के, प्रीत लगाना सीख लो।
दीन दुखी को गले लगाके,मीत बनाना सीख लो।
छोड़ दे नफरत का बाना ,यहीं मानव पहचान है,
भाईचारा सौहार्द समर्थ हो,रीत बनाना सीख लो।
कोयल गाती है मीठा गाना कोई स्वर यह गुनगुना,
बांध लें प्यार से दिलों को,संगीत बनाना सीख लो।
हार ही जीने का मंत्र यह, शोक संताप न कीजिए,
कर्म करो फल निश्चय मिले,नीत बनाना सीख लो।
बींध डालो ,लक्ष्य अपना ,ध्येय कभी नहीं चूकिये,
प्रण धरो रणधीर बनो तुम,जीत सधाना सीख लो।
करुणा के सागर से मोती, सदाचार के चुगता जा,
खुशियों को संचित करके, गीत बनाना सीख लो।
छोड़ दे नफरत की बातें,दीवार बनाना ठीक नहीं,
प्यार से दुश्मन को भी मनमीत बनाना सीख लो।
— शिव सन्याल