कविता – भारत की दुनिया
उद्भव और विकास है,
सहजता और सरलता से,
किया जाता प्रयास है।
वैज्ञानिक अन्वेषण है,
उन्नत विचार से पूर्णतः सत्य है।
एक सुखद अहसास है,
इसमें शून्य असत्य है।
ख़ोज और उत्साह से भरपूर,
यहां सुन्दरता को साकार करने में,
सब लोग अक्सर आगे रहते हैं।
तक़दीर बदल जाएंगी,
यही प्रयास सब करते हैं।
उन्नत परवरिश में,
समाहित संस्कार है।
यही जिंदगी का,
सबसे खूबसूरत व्यवहार है।
शान्ति और आनन्द से,
सब लोग रहते हैं।
प्रताड़ना से सदैव हरेक भारतीय दूर-दूर दिखते हैं।
अपनत्व बढ़ाती है रुचिकर बनकर यहां,
खूबसूरत उपहार में,
सब लोग दिखते हैं यहां।
वैश्विक संकेतों से निकली हुई आवाज है,
सहजता से लबालब,
भारतीय साजबाज है।
— डॉ. अशोक, पटना