ध्वजा तिरंगा
हर घर फहरे ध्वजा तिरंगा।
नभ में लहरे ध्वजा तिरंगा।
त्याग – समर्पण भाव हो जागृत
देशभक्ति का पी लें अमृत
भारत माँ की सेवा के हित
हृदय में उतरे ध्वजा तिरंगा।
सुदृढ़ हो एकता – अखण्डता
बढ़े स्वतंत्रता की प्रचण्डता
सीमा पर भरपूर जोश से
अविचल ठहरे ध्वजा तिरंगा।
रणवीरों को नमन करें हम
गौरव – पथ पर गमन करें हम
बलिदानों की गाथा के रंग
कर दे गहरे ध्वजा तिरंगा।
— गौरीशंकर वैश्य विनम्र