कविता

तुझको ऐ वतन करते हैं नमन

तुझको ऐ वतन करते हैं नमन
तेरी अनुपम छटा का,
नहीं है यहां पर तोल ,
हर कोई दिल थाम के,
बोले प्रेम के मीठे बोल
मिलकर करते हैं हम नमन
हमेशा हंसता रहे हमारा चमन
हिमालय की चोटी पर‍
पहना हे हीरों का हार।
गंगा-जमुना की यहां
बहती हे पावन रसधार।
सबसे प्यारा,सबसे न्यारा
मेरा देश महान् ।
आओ मिलकर हम सब गाएं
भारत का यशगान।
आओ मिलकर हम सब गाए
जन-गण-मन के गीत।
दुनिया को हम बांटें सदा ,
प्यार वाली प्रीत।
इसकी गौरव गाथा न्यारी ।
वीर शहीदों की धरती हमारी,
हमको भारत माता हे प्यारी ।
दुनिया से अलग सदा,
हे इसकी पहचान।
अद्भुत इतिहास भारत का
ज्योतिष,दर्शन और ज्ञान-विज्ञान।
एक स्वर में हम सब बोलें यहां
जय-जवान,जय-किसान,जय-विज्ञान।
इंद्र धनुषसी संस्कृति कि
अनोखी है इसकी शान,
सब मिलकर कहते हैं यहां
मेरा भारत महान्।
सदियों से पुराना रहा
अपना अनोखा एक विधान।
आज दुनिया में सबसे बड़ा,
अपना प्यारा संविधान।
विविध संस्कृति का हे यह,
दमकता सरताज।
आज तक ना बदल सकी दुनिया।
विविधता में एकता का है
इसका अद्वितीय राज।
ऋषि मुनि की इस पावन धरा को
करते हैं हम मिलकर नमन।
अनेकता में एकता का
देता संदेश हमारा चमन।
शांति और सद्भाव का
और अहिंसा का पुजारी
हे हमारा यह वतन।
देता विश्व को सदा मानवता
और भाईचारा का संदेश।
विविध भाषा-धर्म-संस्कृति में
झूमता यहां का हर प्रदेश।
वसुधैव कुटुंबकम से
मान बढ़ाया विश्व में,
सत्य, अहिंसा और प्रेम से
बांधे एक सूत्र में।
दुनिया में रहा हमारा अगणित उपकार।
दुनिया को लूटा नहीं हमने कभी,
किया सदा प्यार और सद्व्यवहार।
सब नत-मस्तक होकर अपनाते
गीता, बाइबल, कुरान, को।
श्रद्धा और विश्वास से गाते सदा
मिलकर यहां गुरु बानी को।
राष्ट्र की बलिवेदी पर देनी पड़े
हमें अपनी जान को।
हंसते-हंसते दे देंगे जान,
वतन के लिए कुर्बानी को।

— डॉ. कान्ति लाल यादव

डॉ. कांति लाल यादव

सहायक प्रोफेसर (हिन्दी) माधव विश्वविद्यालय आबू रोड पता : मकान नंबर 12 , गली नंबर 2, माली कॉलोनी ,उदयपुर (राज.)313001 मोबाइल नंबर 8955560773