कविता

देश प्रेम अलख जगाएं …. 

ओ शान से तिरंगा फहराएं,

स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाएं,

आन, बान, शान, सम्मान से,

देश प्रेम का अलख जगाएं ।।

वीरों का बाना है केसरिया,

शुभ्र धवल पावनता लाया,

अशोक चक्र गति दे निरंतर,

हरा हरियाली, समृद्धि लाया।।

 

मिलजुल कर हम रहे प्यार से,

शांति, भाईचारा, सद्भावना से, 

धर्म-जाति,ऊंच-नीच, भेद भूलो सारे,

एक हैं हम,एक रहेंगे प्रेम भाव से।।

ज्ञान और बुद्धि बल श्रेष्ठ तम हैं,

धर्म, सदाचार अनुरागी मन हैं, 

विश्व गुरु भारत माता बन जाए,

मानवता गीत हम गुनगुनाते हैं।।

कला, कौशल, प्रतिभा अशेष हैं,

नव भारत का स्वप्न संजोया हैं,

भारतीय संस्कृति, संस्कार महती,

गौरवशाली स्वर्णिम इतिहास हैं।।

खूब जोश,उल्लास हो मन में,

वन्दे मातरम जयघोष विश्व में,

जय जय भारत, जयगान गूंजे,

यशोगान जयकारा हो जगत में।।

*चंचल जैन

मुलुंड,मुंबई ४०००७८