तिरंगा – 5 दोहा छंद
लिए तिरंगा ही बढ़ें, फहराना है आज।
कभी नहीं होगा यहाँ, विदेशियों का राज।।
शान तिरंगा देश की, सदा बढ़ाता मान।
नमन करें देखें इसे, दें सब ही सम्मान।।
पग सीमा पर जो धरे, देंगे उसको भून।
सभी तिरंगे के लिए, चलो बहाएँ खून।।
जय हो भारतमातु की, करते रक्षा वीर।
सीमा पर डट जो गये, होते नहीं अधीर।।
आजादी के ही लिए,मिटते रहते वीर।
बढ़े कदम अरि का कभी, रख देंगे वे चीर।।
— रवि रश्मि ‘अनुभूति’