कर्म किये जा
कर्म कर बंदे
चिंता को तू छोड़
क्या होगा
किस पल में
सब लिख रख दिया
कुंडली में तेरी
विधाता ने तेरे जन्म लेने से ही पहले
तू क्यों फिर दुबला होता है
सोच सोच
क्या होगा तेरा कल
जो लिख दिया
न मिटा सकता उसे कोई
तू बस नेक कर्म किया ज़ा
जो मिले उसे सहर्ष
स्वीकार किये जा