नर को भी, नारी प्यारी है।
नारी को नर प्राण से प्यारा, नर को भी, नारी प्यारी है।
एक सिक्के के दो हैं पहलू, एक नर और एक नारी है।।
बहन भाई का अटूट है बंधन।
पवित्र कितना? रिश्तों का चंदन।
शंकर, शक्ति के हैं सेवक,
शक्ति करे, शिवजी का वंदन।
नर-नारी ने मिलकर ही तो, रच दी दुनिया सारी है।
एक सिक्के के दो हैं पहलू, एक नर और एक नारी है।।
मात-पिता का जोड़ा होता।
जल ही जल में लगाता गोता।
कृषक फसल बाद में पाता,
पहले धरा में बीज है बोता।
जड़-चेतन के मिलने से ही, सृष्टि की रचना प्यारी है।
एक सिक्के के दो हैं पहलू, एक नर और एक नारी है।।
नर नारी का प्रेम का बंधन।
प्रकृति ने किया है संबन्धन।
मिलकर दोनों पूर्णकाय हैं,
नारी नर का करे प्रबंधन।
राष्ट्रप्रेमी को नहीं मुक्ति कामना, स्वर्ग में भी मारा-मारी है।
एक सिक्के के दो हैं पहलू, एक नर और एक नारी है।।