हो शुभ सोच विचार
पूजा प्रभु जी की करे, मंगल मन आचार।
मानवता सेवा करे, हो शुभ सोच विचार।।
फैशन की धुन हैं लगी, अंधानुकरण राग।
भौतिक चक्काचौंध में, भूला सेवा त्याग।।
पेड़ हमें फल-फूल दे, करते परोपकार।
आशीर्वाद बुजुर्ग दे, देते प्यार-दुलार।।
बेटी-बेटा में करे, भेद न अब संसार।
शिक्षा, विद्या, ज्ञानसे, करती वह शृंगार।।
नाता न्यारा मित्रता, पुष्पित निज सौभाग्य।
दिल की खुलकर बात हो, देता सलाह योग्य।।
साथ निभाना सत्य का, झूठ न थामो हाथ।
मिलजुल रहना हैं सखा, अपनों का हो साथ।।
झरझर निर्झर झरे, मीठी शीतल धार।
जीवन सार्थकता मिले, हो भाव सदाचार।।