होता है आखेट
झूठ बोल कर सत्य की, रक्षा करते लोग,
सब से ज्यादा बिक रहा,बाबाजी का योग.
रावण जी के बढ़ गए, देखो शीश हजार,
नाम बदल कर बोलते, अब मै भ्रष्टाचार।
आम जनों का ही सदा, होता है आखेट,
चौराहे के पुलिस जी, बढ़ा रहे नित रेट।
चोर जाग के कर रहे, चोरी खुल्ले आम,
जनता सोती ले मजे, पुलिस हुई बदनाम।
— महेंद्र कुमार वर्मा