गीत/नवगीत

गीत

मन का मकरन्द उड़ा कली -कली खिल गई ।
हवाओं ने प्यार किया खुशबुएँ बिखर गईं।।

भीगे -भीगे मौसम का सौंधापन भा गया ।
हरसिंगार हँस पड़ा ग़ुलमोहर शरमा गया ।

धीमी -धीमी फुहार से वादियाँ सिहर गईं ।
हवाओं ने प्यार किया खुशबुएँ बिखर गईं ।

बदलियों का आँचल हवाओं में उड़ गया ।
रेशमी अनुभूतियाँ हृदय मचल- मचल गया ।

अम्बर की धड़कन बढ़ी बिजलियाँ- सी गिर गईं ।
हवाओं ने प्यार किया खुशबुएँ बिखर गईं ।

झीलों के दर्पण में रूप का श्रृंगार हुआ ।
सरिता का वरण करने सागर तैयार हुआ ।

लहरों के संग – संग भावनाएँ तिर गईं ।
हवाओं ने प्यार किया खुशबुएँ बिखर गईं ।।

— डॉ. रागिनी स्वर्णकार (शर्मा)

रागिनी स्वर्णकार (शर्मा)

1- रचनाकार का पूरा नाम- श्रीमती रागिनी स्वर्णकार (शर्मा) 2- पिता का नाम-श्री पूरन चंद सोनी 3- माता का नाम -श्रीमती पार्वती 4- पति / पत्नी का नाम- श्री अरुण शर्मा 5- वर्तमान/स्थायी पता -डायमंड रेजीडेंसी, a सेक्टर सिलिकॉन सिटी राऊ ,इंदौर ,जिला-इंदौर मध्यप्रदेश 6- फोन नं/वाट्स एप नं. - 9754835741 7- जन्म / जन्म स्थान-बेगमगंज ,जिला- रायसेन जन्मतिथि 01,/05/1970 8- शिक्षा /व्यवसाय- बी.एस-सी.,एम .ए.(हिंदी,इंग्लिश) एम.एड. 9- प्रकाशित रचनाओं की संख्या-- 300 रचनाएँ प्रकाशित 10- प्रकाशित रचनाओं का विवरण । (लगभग 300 रचनाएँ समाचार पत्र ,संचार एक्सप्रेस ,निशात टाईम्स ,रीडर एक्सप्रेस भोपाल, लोकजंग भोपाल,दैनिक भास्कर भोपाल,देशबन्धु भोपाल ,से प्रकाशित हो चुकी हैं ) संकल्प शालेय पत्रिका का 7 वर्ष से सम्पादन