बाल कविता

बाल कविता

मां! मैं भी कृष्ण बन जाऊंगा

मां ! माथे पर तिलक लगा दें
छोटी – सी चोटी बना दें।
मोर मुकुट शीश पर लगा दें,
मैं भी श्रीकृष्ण बन जाऊंगा।।

मां ! मुझको एक मुरली दे दें
मधुर धुन से मोहित करुंगा।
मां! मेरे हाथ में एक डंडा दे दें
मैं गोपाल बन गाय चराऊंगा।।

मां ! सुदामा जैसे मित्र दें दें
इनके संग खूब खेलूंगा-पढूंगा ।
रोज माखन – मिश्री खाऊंगा
मां! मैं भी कृष्ण बन जाऊंगा।।

मां! निपुणता का आशीष दें दे
पढ़-लिख कर कीर्तिमान रचूंगा ।
मुझे नजर का टीका लगा दें
मां ! मैं भी कृष्ण बन जाऊंगा।।

मां ! मुझे गुरुभक्ति का ज्ञान दे दें
मैं भी कृष्ण जैसा गुरु भक्त बनूंगा।
ज्ञान कौशल के बल पर चहुंओर
मैं भी भारत का परचम फहराऊंगा।।

— गोपाल कौशल भोजवाल

गोपाल कौशल "भोजवाल"

नागदा जिला धार मध्यप्रदेश 99814-67300