कविता – अप्रतिम
अतुलनीय है तो,
सबको बहुत भाता है।
उन्नति और प्रगति होगी,
यह दृश्य दिखाते हुए,
सबमें खुशियां भर जाता है।
अप्रतिम सौंदर्य को,
सुन्दर माहौल देनी चाहिए।
उम्मीद बनाएं रखने में,
इसकी सोहबत रखनी होगी,
इस परिकल्पना को साकार करने में,
हमेशा आगे बढनी चाहिए।
अप्रतिम उदाहरण है,
एक उम्दा आगाज़ है।
दुनिया में गोते लगाने वाले लोगों को,
इस बेजोड़ धार में,
सुनाई देती है,
कहलाता यही मधुर आवाज है।
अप्रतिम उदाहरण बनकर उभरने से ही,
दुनिया आगे बढ़ने का संकेत देती है।
नई रीति रिवाज से,
लबालब भर कर उत्तम सन्देश देते हुए,
नवजागरण की परिकल्पना को,
साकार करने में,
हमेशा आगे रहती है।
बस रब से दुआ करते हुए,
इस संस्कार को हासिल करने का प्रयास करना चाहिए।
उम्मीद बनाएं रखने वाले लोगों को,
इसी रास्ते पर चलने की,
हरपल कोशिश करनी चाहिए।
यही जिंदगी की सबसे बड़ी इबादत है,
इस संकेत से निकली हुई आवाज में,
नहीं दिखता शरारत है।
उन्नति और प्रगति को,
साकार करने में मदद करता है।
ऊधम से निकली हुई आवाज बनकर,
हमेशा खुश रहने का,
दाबत देते हुए खुशियों का रंग,
दिलों में जिंदा रखता है।
यही सबसे उत्तम विचार है,
नवीन प्रयास और प्रयोग का,
यही दिखता संस्कार है।
हरपल कद्र करते हुए,
लोगों को समझाने की कोशिश करती है।
मजबूती से पकड़ बनाकर,
उमंग और उत्साह भर देती है।
— डॉ. अशोक, पटना