गीतिका/ग़ज़ल

याद आने पर

फिर हुआ परेशां दिल तेरी याद आने पर।
फिर हुई जवां धड़कन तेरी याद आने पर।।

लिखते-लिखते खत ऑंखें भी भरी रोएं भी हम।
टीस सी उठी दिल में तेरी याद आने पर।

तड़पने लगी मैं तो इस क़दर न पूछो तुम।
जैसे जल बिना मछली तेरी याद आने पर।।

मिट ग‌ई हया शर्मो सब तेरी मुहब्बत में।
अश्कों की हुई बरसात तेरी याद आने पर।।

तेरे कांधे पर सिर रख कर रो लूं ये चाहे दिल।
प्यार का हुआ एहसास तेरी याद आने पर।।

हैं कोई नहीं दिल के पास मेरे आज सनम।
जिद पकड़ ली दिल ने आज तेरी याद आने पर।।

— प्रीती श्रीवास्तव

प्रीती श्रीवास्तव

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