जय मां लक्ष्मी
धन बरसत तब जब धन हरषत,
नमन करत जग,हरदम शत-शत।
शत दल कमल बसत, अब तजकर,
मम पर धर कर, हम सब परखत।
परखत सकल जगत पल-पल पथ,
तव वर करत मगन जग चमकत।
चमकत बमकत कनक कनक सम,
अटकत भटकत चलत अनवरत।
— सुरेश मिश्र
धन बरसत तब जब धन हरषत,
नमन करत जग,हरदम शत-शत।
शत दल कमल बसत, अब तजकर,
मम पर धर कर, हम सब परखत।
परखत सकल जगत पल-पल पथ,
तव वर करत मगन जग चमकत।
चमकत बमकत कनक कनक सम,
अटकत भटकत चलत अनवरत।
— सुरेश मिश्र