कुण्डली/छंद

जय मां लक्ष्मी

धन बरसत तब जब धन हरषत,
नमन करत जग,हरदम शत-शत।

शत दल कमल बसत, अब तजकर,
मम पर धर कर, हम सब परखत।

परखत सकल जगत पल-पल पथ,
तव वर करत मगन जग चमकत।

चमकत बमकत कनक कनक सम,
अटकत भटकत चलत अनवरत।

— सुरेश मिश्र

सुरेश मिश्र

हास्य कवि मो. 09869141831, 09619872154