इसको ही जन्नत कहते हैं – कनेडा का भव्य शहर किलोना
सुन्दर झीलों, बागों तथा बड़े होटलों का भव्य मर्मस्पशी शहर है किलोना। यहां सिक्ख पंजाबियों का बहुत बड़ा कृषि तथा बागान का बहुत बड़ा कारोबार है।
इस शहर को देखने के लिए मन बनाया गया। परिवार सहित हम दो कारों में लगभग ढेड दिन में एडमिंटन से किलोना पहुंचे। एक रात हम एक भव्य नगर गोल्डन में ठहरे। यह सुन्दर कस्बा भी देखने योग है। प्रत्येक आधुनिक सुविधायों से लबालब।
किलोना को जाते समय रास्ते में कई खूबसूरत शहर और भी आते हैं। जैसे खेल स्टोक, वोरनर तथा नेलशन इत्यादि यहां शहरों को अलंकारित करती कुदरत तथा मनुष्य इसको संवार कर, लैंड स्केपिंग कर के, आधुनिक सुविधाएं देकर अद्भुत शैली- शिल्प देकर, देखने योग्य, मर्मस्पशी प्रतीक विम्ब सजाकर भव्य दृश्य कीर्तिमान स्थापित कर देता है, जिसे जन्नत कहते हैं। इसी वजह करके इन्होने अपने जतन से कहीं-कहीं अपना आसमान ऊंचा उठाकर इन्सान का सिर ऊंचा किया है।
यहां की भौतिक दैहिक तथा अन्य संसारिक आवश्यकताआंे को मालामाल कर के सुखदायक तथा सुकून भरपूर बना दिया है। कनेडियन सरकारें सुविधाएं देने तथा पैसा कमाने में माहिर हैं।
किलोना वाक्य ही जन्नत ही है। शीशे की भांति चमकती चारों और स्वच्छता सफाई रूह को सुकून देती है। आंखों की खुराक होते हैं ख़ूबसूरत दृश्य जो दिमाग़ को ताजगी सुकून तथा आध्यात्मिकता देते हैं। यहीं परिभाषा है जन्नत की। प्राचीन तथा आधुनिक कलात्मिक भव्य वृक्ष तथा यहां के भव्य स्थानों की मुंह बोलती बिम्बक तस्वीरें। जैसे किसी चित्रकार ने कैनवस पर ख़ूबसूरती बिखेर दी हो, विभिन्न रंगों को कला कौशलता में तरतीव देकर।
उत्कर्ष झीलों का लहलहाता लहराता पानी जीवन के गीत गाता। जिस की तरंगे उमंगे, लपक, ललक की एक कहानी जन्नत को पीछे छोड़ती। जैसे साज पर कोई कलाकार तिरंगे छेड़ रहा हो। झीलों में तरह-तरह की शैली शिल्प, सजावट में तैरती नावों की भरमार। नांव नुमा मोटर साईकल, हाथ चालक नांव, तेल तथा इलैट्रिक नांव जन्नत का परिणाम। बंदा स्वर्ग में उतर जाता है। बहुत बड़ी झील में किश्तियां, क्रूज (छोटे शिप), चारों ओर ऊंची इमारते, भव्य घर, अल्प पहाडियां सब मिलकर आंखों के माध्यम से दिमाग़ को भर देती है। नज़ारे दिमाग़ और आंखों की तंदरूस्ती। मुकम्मल सुकून आध्यात्मिक तथा एकाग्रता का अव्वल सुमेल।
अर्ध नग्गे शर्मीले भव्य खिलौनों जैसे जिस्म, सुन्दरता को कुदरत को चार चांद लगाते हैं। जैसे सभी दृश्य किसी अनुशासन नीति में ढले हुए हो। कानून सूई के सुराख से निकलता है। चिड़ी (पक्षी) नहीं फडकता। कानूनी सिकंजे में कोई रिआयत या गुजांयश नहीं। देखना मनुष्य की तृप्ति की जिज्ञासा है। आंखे जिज्ञासा की मोहताज हैं। ना शरारत, ना माखौल ना कोई हरकत ना अनुशासन हीनता। नारी को संपूर्ण प्रत्येक पक्ष से आज़ादी।
यह क्षेत्र वाईन उद्योग के लिए दुनियां भर से प्रसिद्ध है। यहां बागों की संख्या बहुत है।
किलोना ब्रिटिश कोलंबिया के दक्षिण भाग में ओकानागन घाटी में स्थित हैं ऊपर से दाईं की ओर नाकस मांऊटेन पार्क तथा डाऊन टाऊन (शहर की दीर्घमार्किट), बीच ओकानागन झील की चोटियां, मिशन हिल वाईनरी, दीर्घ टेल टावर, ऊपर विलियम आर बेनेट ब्रिज, रोटरी बीच पार्क, बाईन उद्योग, उच्च स्तर की विश्व प्रसिद्ध यूनिवर्सिटी, (विश्वविद्यालय), विश्वस्तर का शिक्षक (प्रशिक्षण) अस्पताल, प्रांत का सबसे बड़ा व्यापारिक स्कूल, अंतराष्ट्रीय हवाई अडडा, फिल्य उद्योग, तथा महान खिलाडियों का स्थान। ओलंम्पिक में खिलाडी स्थान रखते हैं।
किलोना प्रांत का तीसरा सबसे बड़ा महां नगरीए क्षेत्र तथा बैनकूवर तथा विकटोरिया के बाद इस का नाम आता है। जबकि कुल मिलाकर कनेडा का सातवां सबसे बड़ा शहर है। यहां ही लिओन एव्यून्यू में 42 मंजिलों का टावर भी है। जो शहर की दूरी दृष्टि का आकर्षक करता है।
सबसे लम्बी प्राचीन झील ओकानागन जो कि लगभग 84 मील लम्बी तथा 5 किलोमीटर चौड़ी है। इस झील के साथ-साथ शहर, भव्य घर तथा उद्योग क्षेत्र हैं।
इसको बेस्ट बैंक तथा वेस्ट साईड भी कहा जाता है। उत्तर में लेक कंट्री तथा वरनर शहर है। दक्षिण तथा पश्चिम में पीचलैंड ओर दक्षिण में समर लैंड तथा पेंटीकटर भी शामिल है।
झील के ऊपर तीन लाईन तथा पांच लाईन बाले ख़ूबसूरत व्रिज जन्नत का परिणाम। जो शहर की ख़ूबसूरती को चार चांद लगाते हैं।
झील के आखिरी छोर पर एक बड़ी पहाड़ी को काटकर नीचे से ऊपर एक, दो, तीन बस्तियां बनाई गई हैं। जो झील के किनारे से ऊपर को बनी हुइ हैं। जो दृश्यावली में ख़ूबसूरती पैदा करती हैं। समस्त दृश्य रूह को छूने वाले। इन बस्तियों में पंजाब तथा भारतीय लोग भी रहते हैं। इन बस्तियों को अमूमन होटल के रूप में प्रयोग करते हैं। यहां सभी प्रकार की भौतिक सुविधाएं हैं। सब कुछ लाजवाब।
पंजाबियों की प्रापर्टी तथा बाग उद्योग:-
किलोना (ब्रिटिश कोलंबिया) में पंजाबी सिक्खों के अनेक बाग़ तथा बहुत मूल्य घर हैं। इस स्थान में पंजाबी सिक्खों की तीसरी तथा चौथी पीढ़िी रह रही है। ग़रीबी से उठकर अमीरी तक का सफर। आज कल इन्होंने अलग ही अस्तित्व तथा प्रभुत्व स्थापित किया हुआ है। यह परिवार आधुनिक कृषि का प्रतीक हैं। मिटी का धर्म सचमुच कितना बड़ा होता है। इन्सान के दिल की ख़ूबसूरती उनके मन की महक मिटी का धर्म होता है।
वे प्रगतिशील चैरी उत्पादन के स्वामी हैं। फलों का बड़ा कारोबार। भारत में आर्थिक मंदी के कारण 20वीं सदी के शुरूआत में सिक्ख पंजाबियों ने सबसे पहले ब्रिटिश कोलंबिया में प्रवेश किया था। इनमें से ज़्यादातर लोग लकड़ी उद्योग और कृषि में पर्याप्त नौकरियां की तलाश में आकर्षित हुए।
1910 को कनेडा में आव्रजन कानून बनाए गए जो दुनिया के विभिन्न हिस्सों से आने वाले लोगों को अलग-अलग स्तर पर रखते थे। उदाहरण के लिए उत्तरी यरोपीय देशों से आने वाले अप्रवासियों के पास आने पर कम-ज-कम 25 डालर होना ज़रूरी था। एशियाई अप्रवासियों के पास 200 डालर होना ज़रूरी था। मध्य शताब्दी तक कानूनों मंे ढील दी जाने लगी। जिस में अप्रवासियों को अपने परिवार के सदस्यों को प्रायोजित करने, वोट देने और जमीन खरीदने की अनुमति मिल गई।
भूमि स्वामित्व पंजाबी प्रवासियों के लिए महत्वपूर्ण बन गया। जिस से उन्होनें काम और नीजि जीवन को अपनी परम्पराओं और परिवारों के इर्द-गिर्द ढालने का मौका मिला। सिक्ख पंजाबी लोगो का प्राथमिक धर्म है।
2011 की जनगणना में सर्वेक्षण किए गए। ब्रिटिश कोलंविया के लगभग 5 प्रतिशत घरों नें खुद को सिक्ख बताया। ब्रिटिश कोलंबिया में आज भी उस भूमि का महत्व बना हुआ है। कई परिवारों का नेतृत्व अब उनकी तीसरी और चौथी पीढ़ी कर रही है। कई लोगो के पास वाईनरी है। लेकिन कई दिग्गज अपने फल-उत्पादत का व्यवसाय का विस्तार कर रहे हैं। उनके जैसे परिवारों में ऐसी विशेषताएं हैं जिनकी विरासत पंजाब राज्य से जुड़ी हुई है। ब्रिटिश कोलबिया में वृक्ष फल उद्योग को आगे बढाने में मदद कर रहीं हैं। भारतीय समुदाय वास्तव में मेहनती है और जोखिम उठाने को तैयार है। नवीन्तम वृदिशील कैरियर अपना रहें हैं।
इन बागों में आडू, खुरमानी, अुजीर, अंगुर, सेव, नाशपाती, अलूचा, आलु, बुखारा, विभिन्न किस्म की चैरी तथा विभिन्न प्रकार की सब्जियां होती है।
किलोना शहर में एक विशाल आलीशान गुरूद्वारा भी है। जिस की सेवा परम्पराओं और रीति नियम अनुसार होती है। सभी त्योहार मनाए जाते हैं।
यहां चार मौसम होते है। सर्दी, गर्मी, पतझड तथा बरसात। दिसम्बर-जनवरी बर्फ पडती है। जून से सितम्बर तक गर्मी की लहरें चलती है परन्तु, मौसम सुकून देने वाला।
यह समस्त क्षेत्र जन्नत होते है। आप भी आएं खूबसूरत सुकुनमई शहर किलोना देखने।
— बलविंदर बालम