अपने गांव में आते झूले
अपने गांव में आते झूले।सबके मन को भाते झूले। भिन्न-भिन्न जातों-पातों में।प्रभातों एंव रातों में।लौकिक नगमे गाते झूले।अपने गांव में
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Read Moreरंगों की रानी कहलाए।सुरभि के संग उड़ती जाए।सब बच्चों के मन को भाए।देखो तितली उड़ती जाए। प्यार करे सत्कार सीखावे।न
Read Moreसाहित्य का गुलज़ार बनाया पातर ने। एक अलग संसार बनाया पातर ने। सृजन वाली शक्ति भक्ति उस में थी, बिम्बों
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