सिहरी छंद
तारणहारे गणेशजी
पधारो हर द्वार चौखट,
महके मुस्कुराहट
गणेश उत्सव
गूंजे निरर्थक फिल्गी गीत
कर्कश संगीत
पथरीली नगरी,
उबड़ खाबड़ गड्ढों भरी
संभलना गणेशा
कूड़ा-करकट, गंदगी,
मिलेगी नहीं सौहार्द, सादगी,
मन प्रदूषित
उत्सव, पर्व,
स्नेह मिलन गंगा बहती,
उल्लसित धरती
नीलाभ गगन
चाँद दीवाना छितराता चांदनी
आएगी सजनी