दाता श्री गणेश
हे विघ्नहर्ता शिव गौरी के नंदन,
मंगलकारी प्रिय देवा गजानन,
करे प्रथम हम आपका सुमिरन,
स्वीकारों भक्ति “आनंद” वंदन।
हे रिद्धि सिद्धि के दाता श्री गणेश,
एकदंत धूम्रवर्ण जय जय मयूरेश,
गणपति बप्पा मोरिया स्वामी ह्रदयेश,
कोटि-कोटि नमन आदिदेव जयेश ।
हे विघ्न विनाशक बुद्धि विधाता,
दुखहर्ता सुखकर्ता समृद्धि प्रदाता,
दर्शन आपका मन को हर्षाता,
सारे कारज सफ़ल सम्पन्न कराता ।
हे आनंदकंद प्रभु आपको मनाऊं,
सिंदूर और केशर तिलक लगाऊं,
गुड़ मेवा मिष्ठान फल, फूल चढ़ाऊं,
धूप दीप कर प्रेम से कीर्तन गाऊं ।
हे ईश भक्तों पर कृपा बनाएं रखना,
सबकी पूरी करना प्रभु मनोकामना,
वरदायी भव भयहारी है स्तुति प्रार्थना,
करते भाव भक्ति से संत भक्त अर्चना ।
— मोनिका डागा “आनंद”