सभी आराध्यों को नमन
नमन करत वन, नमन करत थल,
नमन करत रब,नभ, बरगद,जल।
जलकर छलकर,करम न कर नर,
नमन अमर कर,गहब खलक फल।
फल पर मगन करत तब भगवन,
जलद,मलय,धन,नमन करत पल।
पल-पल रखत जगतवर पर मन,
शतदल कमल बनत घर पर चल।
— सुरेश मिश्र
नमन करत वन, नमन करत थल,
नमन करत रब,नभ, बरगद,जल।
जलकर छलकर,करम न कर नर,
नमन अमर कर,गहब खलक फल।
फल पर मगन करत तब भगवन,
जलद,मलय,धन,नमन करत पल।
पल-पल रखत जगतवर पर मन,
शतदल कमल बनत घर पर चल।
— सुरेश मिश्र