कविता

रैनी डे


पानी बरसे झमाझम
भर गए ताल तलैया खेत खलिहान
नाले जाम हो गए सारे
सड़के डूब गयी जल में
रास्ते सारे बंद हुए
आना जाना हुआ दुशवार
चिंता सबको कैसे जाये
दफ़्तर और दुकान
पर बच्चें सबसे ज्यादा ख़ुश हैं
आज न जाना होगा उनको स्कूल
सुबह सुबह न जल्दी उठना होगा
न खानी होगी मम्मी की मार
उठ उठ जल्दी उठ
देर हो रही
आती होगी बस
मम्मी को भी मिली राहत
नहीं बनाना होगा आज टिफिन
स्कूल कॉलेज सभी बंद हो गए
रैनी डे हो गया आज डिक्लेअर

*ब्रजेश गुप्ता

मैं भारतीय स्टेट बैंक ,आगरा के प्रशासनिक कार्यालय से प्रबंधक के रूप में 2015 में रिटायर्ड हुआ हूं वर्तमान में पुष्पांजलि गार्डेनिया, सिकंदरा में रिटायर्ड जीवन व्यतीत कर रहा है कुछ माह से मैं अपने विचारों का संकलन कर रहा हूं M- 9917474020