सेवा ही सर्वश्रेष्ठ
एक जगह होनी चाहिए जहां पर
आपको सुकून का अनुभव होता हो
जहां पर आप अपने आप से मिल सकें
जहां आपके अंदर भाव उत्पन्न हों
जहां आपके अंदर एक नई ऊर्जा का उत्सर्जन हो
जहां आप सीख सके
जहां आप चित्कार बाहर निकाल सकें
चीख सकें,चिल्ला सके
जहां आप अपने कदमों को पहचान सकें
जहां आप इस पृथ्वी पर होने का एहसास कर सकें
जहां आप अपने आप का आकलन कर सकें
जहां आपको अपने सवालों के जवाब मिले
जहां आपके जीवन जीने का अर्थ मालूम हो
जहां आप आंखें मूंद कर सब कुछ देख सको
जो आप देखना चाहते हैं
जहां मोह माया और शानो शौकत फीकी पड़ जाए
जहां आपके अंदर जो अहम है वो धराशाई हो जाए
जहां आपको असीम शांति का अनुभव हो
जहां आप वाणी रहित होकर भाव समझने का प्रयास करें
जहां आप पृथ्वी के निर्माण के समय
अलग-अलग रूपों में चिन्हित होने वालों के
आसपास होकर उनकी भाषा समझ सके
जहां आप दर्द से परे हो जाए
जहां आप मुलाकात करें खुद से औरउनसे जिन्हें आप मानते हैं
जहां आप हाथ जोड़कर प्रार्थना करें
हे ! प्रभु मार्ग प्रशस्त करें
वो जगह है गौशाला!
— प्रवीण माटी