डूबो कुछ गुहर के लिए
कुछ अपने में डूबो
कुछ दुनिया में
उचटे हुए खोए-खोए मत रहो
नहीं तो खो जाओगे एक रोज़
और खो दोगे वे अमूल्य गुहर
जो तुम्हें
कुछ अपने अंदर मिलेंगे
और कुछ दुनिया में डूबकर!
— केशव शरण
कुछ अपने में डूबो
कुछ दुनिया में
उचटे हुए खोए-खोए मत रहो
नहीं तो खो जाओगे एक रोज़
और खो दोगे वे अमूल्य गुहर
जो तुम्हें
कुछ अपने अंदर मिलेंगे
और कुछ दुनिया में डूबकर!
— केशव शरण