तुम आए
सुहाना मौसमसफ़र में थाचला था कन्याकुमारी सेचार दिन हमारे शहर में थाऔर चारों दिन मैंअपने घर में थाकहाँ जाऊँ की
Read Moreकुछ अपने में डूबोकुछ दुनिया मेंउचटे हुए खोए-खोए मत रहोनहीं तो खो जाओगे एक रोज़और खो दोगे वे अमूल्य गुहरजो
Read Moreएक वीरान-से इलाक़े मेंएक विशाल पेड़ के नीचेरेल की पटरी के किनारेबैठा रहना भीदुख की काट हो सकता हैमालूम न
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