हाँ मैं परी हूँ
ढूंढ़ते रहते हो दर-ब-दर जिसको तुम
रुख़ से ओझल वो तुम्हारी हँसी हूँ
हाँ मैं परी हूँ
ख्वाबों खयालों उजालों की चाहत,
लबों पर तबस्सुम ताबीर-ए-जिंदगी हूँ
हाँ मैं परी हूँ
चाहा था पाना, या जिसमें बस जाना
मैं उसी ख़्वाबों की दुनिया में पली हूँ
हाँ मैं परी हूँ
न मायूस होना, यक़ीं तुम ना खोना
उम्मीदों की डोर थामे “गीत” खड़ी हूँ
हाँ मैं परी हूँ
साथ मांगते हो कभी वादा-ए-चाहत
हाथों में हाथ लिए देखो चली हूँ
हाँ मैं परी हूँ
— प्रियंका अग्निहोत्री “गीत”