सामाजिक

मुस्कान

मनुष्य के आस-पास की भावनाओं में खुशी कहते ही हमको मुस्कान की याद आती है।गज़ब है तो उसको खुशी और दुख दिखा सकता है। क्षण-क्षण में बीत जानेवाले और बदलते हुए समय में रहने का मार्ग, मुस्कान मनुष्य को इस्तेमाल करता है। तो मुस्कान खुशी ही का जो चीज़ है क्या?

— अमन्दा

एस. अमन्दा सरत्चन्द्र

श्री लंका