सामाजिक

रिश्ते

हम सब जानते हैं कि अलग – अलग रिश्ते हैं। माँ बाप – संतान, भाई – बहन , दोस्ती , प्रेमी – प्रेमिका आदि अनेक रूप के। हम  ठीक तरह समझते हैं कि रिश्ता का तात्पर्य है इन्सान के जीवन में एक महत्वपूर्ण चीज़ है और उसको अधिकतम निष्पक्षता पूर्ती रखना भी चाहिए। रिश्ते का महत्त्व चीज़ है विश्वास। तुम्हारे चाह के अनुसार तुम रिश्ता आगे ले जा सकते हो नहीं तो छोड सकते हो। लेकिन, छोडने के बाद भी दूसरे का सम्मान रखने की याद रखना चाहिए।

— अमन्दा

एस. अमन्दा सरत्चन्द्र

श्री लंका

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