ग़ज़ल
मुद्दतों बाद फिर इक ग़ज़ल गाओ तुम।
चाँदनी रात है पास तो आओ तुम।।
चाँद तारों ने महफ़िल सजाई यहाँ।
मेरे खातिर भी सौगात तो लाओ तुम।।
देख हमको जरा मुस्कुरा देना तुम।
नज़रों के तीर फिर से चला जाओ तुम।।
दिल से दिल बातें कर ले यूं इक बार फिर।
फिर से चौसर जिताने चले आओ तुम।।
इश्क़ परवान चढ़ जाएगा किसी दिन।
बारहा घर के चक्कर लगा जाओ तुम।।
— प्रीती श्रीवास्तव