सामाजिक

कृतज्ञता से रिश्तों में मज़बूती आती है

कृतज्ञता दिवस या धन्यवाद दिवस हर साल मनाया जाता है। यह दिन हमें अपने जीवन में हमारे माता-पिता, परिवार, मित्रों, शिक्षकों, और समाज के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का अवसर प्रदान करता है।
कृतज्ञता को दूसरे अर्थों में निम्नलिखित शब्दों से व्यक्त किया जा सकता है।
आभार,धन्यवाद,शुक्रिया,कृपा,अनुग्रह, सहृदयता,प्रेम,सम्मान,आदर, इत्यादि
शब्दों से हम अपने दिल की भावनाओं को व्यक्त कर सकते हैं और दूसरों के प्रति अपनी कृतज्ञता को दर्शा सकते हैं।
इसके अलावा, कृतज्ञता को और भी विभिन्न संदर्भों में भी व्यक्त किया जा सकता है, जैसे,पारिवारिक कृतज्ञता, मित्रता की कृतज्ञता
शिक्षकों की कृतज्ञता,समाज की कृतज्ञता, प्रकृति की कृतज्ञता,आत्म-कृतज्ञता,आध्यात्मिक कृतज्ञता,जीवन की कृतज्ञता,
इन सभी संदर्भों में कृतज्ञता एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और हमें दूसरों के प्रति आभार और सम्मान की भावना को व्यक्त करने में मदद करती है।
कृतज्ञता दिवस पर अपने माता-पिता के प्रति आभार व्यक्त करें, जिन्होंने आपको जन्म दिया, पाला-पोसा, और आपको श्रेष्ठ जीवन के लिए तैयार किया।अपने परिवार के सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त करें, जिन्होंने आपको प्यार, समर्थन, और सुरक्षा प्रदान की।
अपने मित्रों के प्रति आभार व्यक्त करें, जिन्होंने आपको खुशी, सहारा, और साथ दिया।
अपने शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त करें, जिन्होंने आपको ज्ञान, मार्गदर्शन, और प्रेरणा दी।अपने समाज के प्रति आभार व्यक्त करें, जिसने आपको सुरक्षा, सुविधाएँ, और अवसर प्रदान किए।
प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करें, जिसने आपको जीवन, हवा, पानी, और संसाधन दिए।अपने जीवन में आपके द्वारा किए गए अच्छे कामों के लिए आत्म-मूल्यांकन करें और आगे भी ऐसा करने का संकल्प लें।दूसरों की मदद करने का अवसर तलाशें। और उनकी
आवश्यकताओं को पूरा करने का प्रयास करें।
अपने जीवन में आपके द्वारा प्राप्त अच्छी चीज़ों के लिए आभार व्यक्त करें और उनका सम्मान करें। अपने जीवन में सकारात्मकता को बढ़ावा दें और दूसरों को भी सकारात्मक बनने के लिए प्रेरित करें।
आप कृतज्ञता दिवस को और भी अर्थपूर्ण बना सकते हैं।
कृतज्ञता दिवस के लिए कुछ और संदेश और गतिविधियाँ निम्नलिखित हो सकती हैं:
“आपकी मुस्कान मेरे जीवन को रोशन करती है, धन्यवाद!”
“आप मेरे जीवन के सबसे अनमोल रत्न हैं, धन्यवाद!”
“आपका प्यार और समर्थन मेरे लिए सब कुछ है, धन्यवाद!”
“आपकी दयालुता और सहानुभूति मुझे प्रेरित करती है, धन्यवाद!” “आप मेरे जीवन के सच्चे मित्र हैं, धन्यवाद!”
गतिविधियाँ,परिवार के साथ भोजन करना और एक दूसरे के प्रति आभार व्यक्त करना।
मित्रों और परिवार के सदस्यों को धन्यवाद पत्र लिखना।
समुदाय में सेवा करना और दूसरों की मदद करना।
प्रकृति की सुंदरता को निहारना और उसके प्रति आभार व्यक्त करना।
आत्म-मूल्यांकन करना और अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाना।
दूसरों के लिए धन्यवाद कार्ड बनाना और उन्हें वितरित करना।
कृतज्ञता दिवस के लिए विशेष प्रार्थना करना , मेडिटेशन करना।
अपने जीवन में अच्छे कामों के लिए एक डायरी रखना।
दूसरों की कहानियों को सुनना और उनके अनुभवों से सीखना।
अपने समुदाय में कृतज्ञता दिवस के लिए एक कार्यक्रम आयोजित करना।
सोशल मीडिया पर धन्यवाद संदेश साझा करना।
व्यक्तिगत धन्यवाद पत्र लिखना।
फोन कॉल या वीडियो कॉल करके धन्यवाद कहना।उपहार देना।समुदाय सेवा करना।
प्रार्थना या मेडिटेशन करना।आत्म-मूल्यांकन करना।
दूसरों की मदद करना।कृतज्ञता दिवस के लिए एक विशेष कार्यक्रम आयोजित करना।परिवार और मित्रों के साथ समय बिताना।
कृतज्ञता एक ऐसा गुण है जो हमें दूसरों के साथ अच्छे संबंध बनाने में मदद करता है। जब हम दूसरों के प्रति आभार व्यक्त करते हैं, तो इससे उनका दिल जीतने में मदद मिलती है। कृतज्ञता से हम अपने रिश्तों को मजबूत बना सकते हैं और दूसरों के साथ एक सकारात्मक और प्रेमपूर्ण वातावरण बना सकते हैं।
कृतज्ञता से रिश्तों में मजबूती आती है।
दूसरों का विश्वास और सम्मान प्राप्त होता है।
सकारात्मकता और खुशी बढ़ती है।
आत्म-सम्मान और आत्मविश्वास बढ़ता है।
दूसरों की मदद करने की प्रेरणा मिलती है।
जीवन में संतुष्टि और शांति आती है।
दूसरों के साथ संबंधों में मधुरता आती है।
हमारे व्यक्तित्व में निखार आता है।
हमें दूसरों की जरूरतों को समझने में मदद मिलती है।
हमारा जीवन अधिक अर्थपूर्ण और सार्थक हो जाता है।
कृतज्ञता को अपनाने से हम न केवल दूसरों के दिल को जीत सकते हैं, बल्कि अपने जीवन को भी अधिक सकारात्मक और सार्थक बना सकते हैं।

— डॉ. मुश्ताक़ अहमद शाह

डॉ. मुश्ताक़ अहमद शाह

वालिद, अशफ़ाक़ अहमद शाह, नाम / हिन्दी - मुश्ताक़ अहमद शाह ENGLISH- Mushtaque Ahmad Shah उपनाम - सहज़ शिक्षा--- बी.कॉम,एम. कॉम , बी.एड. फार्मासिस्ट, होम्योपैथी एंड एलोपैथिक मेडिसिन आयुर्वेद रत्न, सी.सी. एच . जन्मतिथि- जून 24, जन्मभूमि - ग्राम बलड़ी, तहसील हरसूद, जिला खंडवा , कर्मभूमि - हरदा व्यवसाय - फार्मासिस्ट Mobile - 9993901625 email- [email protected] , उर्दू ,हिंदी ,और इंग्लिश, का भाषा ज्ञान , लेखन में विशेष रुचि , अध्ययन करते रहना, और अपनी आज्ञानता का आभाष करते रहना , शौक - गीत गज़ल सामयिक लेख लिखना, वालिद साहब ने भी कई गीत ग़ज़लें लिखी हैं, आंखे अदब तहज़ीब के माहौल में ही खुली, वालिद साहब से मुत्तासिर होकर ही ग़ज़लें लिखने का शौक पैदा हुआ जो आपके सामने है, स्थायी पता- , मगरधा , जिला - हरदा, राज्य - मध्य प्रदेश पिन 461335, पूर्व प्राचार्य, ज्ञानदीप हाई स्कूल मगरधा, पूर्व प्रधान पाठक उर्दू माध्यमिक शाला बलड़ी, ग्रामीण विकास विस्तार अधिकारी, बलड़ी, कम्युनिटी हेल्थ वर्कर मगरधा, रचनाएँ निरंतर विभिन्न समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं में 30 वर्षों से प्रकाशित हो रही है, अब तक दो हज़ार 2000 से अधिक रचनाएँ कविताएँ, ग़ज़लें सामयिक लेख प्रकाशित, निरंतर द ग्राम टू डे प्रकाशन समूह,दी वूमंस एक्सप्रेस समाचार पत्र, एडुकेशनल समाचार पत्र पटना बिहार, संस्कार धनी समाचार पत्र जबलपुर, कोल फील्डमिरर पश्चिम बंगाल अनोख तीर समाचार पत्र हरदा मध्यप्रदेश, दक्सिन समाचार पत्र, नगसर संवाद नगर कथा साप्ताहिक इटारसी, में कई ग़ज़लें निरंतर प्रकाशित हो रही हैं, लेखक को दैनिक भास्कर, नवदुनिया, चौथा संसार दैनिक जागरण ,मंथन समाचार पत्र बुरहानपुर, और कोरकू देशम सप्ताहिक टिमरनी में 30 वर्षों तक स्थायी कॉलम के लिए रचनाएँ लिखी हैं, आवर भी कई पत्र पत्रिकाओं में मेरी रचनाएँ पढ़ने को मिल सकती हैं, अभी तक कई साझा संग्रहों एवं 7 ई साझा पत्रिकाओं का प्रकाशन, हाल ही में जो साझा संग्रह raveena प्रकाशन से प्रकाशित हुए हैं, उनमें से,1. मधुमालती, 2. कोविड ,3.काव्य ज्योति,4,जहां न पहुँचे रवि,5.दोहा ज्योति,6. गुलसितां 7.21वीं सदी के 11 कवि,8 काव्य दर्पण 9.जहाँ न पहुँचे कवि,मधु शाला प्रकाशन से 10,उर्विल,11, स्वर्णाभ,12 ,अमल तास,13गुलमोहर,14,मेरी क़लम से,15,मेरी अनुभूति,16,मेरी अभिव्यक्ति,17, बेटियां,18,कोहिनूर,19. मेरी क़लम से, 20 कविता बोलती है,21, हिंदी हैं हम,22 क़लम का कमाल,23 शब्द मेरे,24 तिरंगा ऊंचा रहे हमारा,और जील इन फिक्स पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित सझा संग्रह1, अल्फ़ाज़ शब्दों का पिटारा,2. तहरीरें कुछ सुलझी कुछ न अनसुलझी, दो ग़ज़ल संग्रह तुम भुलाये क्यों नहीं जाते, तेरी नाराज़गी और मेरी ग़ज़लें, और नवीन ग़ज़ल संग्रह जो आपके हाथ में है तेरा इंतेज़ार आज भी है,हाल ही में 5 ग़ज़ल संग्रह रवीना प्रकाशन से प्रकाशन में आने वाले हैं, जल्द ही अगले संग्रह आपके हाथ में होंगे, दुआओं का खैर तलब,,,,,,,