कर्तव्य निभाइये
बरखा बहार आयी,
बाग में रौनक छायी,
महकी पुष्प क्यारियां,
प्रीत गीत गाइये।।
पंछी गण करे शोर,
झुमे, नाचे मन मोर,
मोहक मीठी मुस्कान,
तरोताजा होइये।।
जीवन हो गुलजार,
सुरभित हो संसार,
पेड-पौधे यहां-वहां,
खुशी छितराइये।।
बनो प्रकृति के मित्र,
सुंदर होवे चरित्र,
सहेजो पर्यावरण,
कर्तव्य निभाइये।।