भजन/भावगीत

हे कल्याणी

हे जग-जननी
हे कल्याणी
मैं तेरे गुण गाऊं
तेरे चरणों में
नित-नित
शीश झुकाऊं।
माँ तू है
वरदायिनी
हम बालक नादान
क्षमा करना
भूल हमारी।
ब्रह्मचारिणी से
सिद्धि दात्री
अनेक रूप हैं तेरे,
माँ तू है
दुर्मति-नाशिनी।
कष्टों से हमें बचाती
जब हम पुकारते
तू दौड़ी चली आती
कोटिशः नमन माँ
हर पल उतारूँ
तेरी आरती।

— विकास कुमार शर्मा

विकास कुमार शर्मा

पुत्र- स्व. श्री भगवान सहाय शर्मा माताजी का नाम - श्रीमती सरस्वती देवी शर्मा जन्म तिथि- 24 अक्टूबर 1982 शैक्षिक योग्यता - एम.ए.(हिंदी) , बी.एड. एम.ए.(शिक्षा) साहित्यिक गतिविधियां सन 2003 में जयपुर दूरदर्शन के कल्याणी कार्यक्रम में प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ स्लोगन रचनाकार के रूप में सम्मानित । सन 2015 में मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति जुबिन इरानी द्वारा सी.बी.एस. ई. के हिंदी विषय के सर्वश्रेष्ठ परीक्षा परिणाम हेतु सम्मानित । अनेक पत्र पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित पता- 35/338 , शिवपुरी - बी गंगापुर सिटी, जिला -सवाईमाधोपुर ,राजस्थान-322201 फोन-07665150750 [email protected]

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