भजन/भावगीत

हे माँ कुष्मांडा

हे माँ कुष्मांडा तुम शक्ति की देवी हो,
सृष्टि की रचयिता, जीवन का आकार हो,
विश्व की मूरत हो, सृष्टि की धारणाकर्ता हो,
हमे सुख,शांति एव समृद्धि देने वाली सहारा हो।

हमेशा कुंदलित स्वर में तुम गुनगुनाती हो,
हर दिशाओं में प्रेम की धारा बहाती रहती हो,
सबकी संकट दूर करती हो, हर दुख को मिटाती,
सच्चे भक्तों की हमेशा, तुम सदैव साथ रहती हो ।

संसार के पालन में, तुमने माँ बहुत उपकार किया है,
सभी ज्ञानी-अज्ञानियों को माँ, देती हो सुख का आधार,
तुम्हारी कृपा से माँ, सबका हर सपना साकार होता है,
माँ तुम हो इस कलयुग मे, हमारे जीवन का उद्धारकर्ता ।

आप गर्भ मे छुपा अनंत ज्ञान, विज्ञान की देवी हो माँ,
तुमने ही अंधकार से रोशनी की ओर हम सबको लायी,
पौधों के कांटों मे खिलती खूबसूरत, मनमोहक फूल हो,
तेरे ही चरणों मे विश्व का सारा अमूल्य धरोहर अमृत है ।

तुमसे ही जीवन है, तुमसे ही है मेरा हर अनजाना राह,
धन्य है हम सब मनुष्य, जिनको मिली तुम्हारी आभा,
हर कष्ट में जब हम, स्मरण करते है आपका तो हमेशा,
आपसे हमे मिलता है आपकी महिमा कृपा, अपरम्पार ।

— रूपेश कुमार

रूपेश कुमार

भौतिक विज्ञान छात्र एव युवा साहित्यकार जन्म - 10/05/1991 शिक्षा - स्नाकोतर भौतिकी , इसाई धर्म(डीपलोमा) , ए.डी.सी.ए (कम्युटर),बी.एड(फिजिकल साइंस) वर्तमान-प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी ! प्रकाशित पुस्तक ~ *"मेरी कलम रो रही है", "कैसें बताऊँ तुझे", "मेरा भी आसमान नीला होगा", "मैं सड़क का खिलाड़ी हूँ" *(एकल संग्रह) एव अनेकों साझा संग्रह, एक अंग्रेजी मे ! विभिन्न राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओ मे सैकड़ो से अधिक कविता,कहानी,गजल प्रकाशित ! राष्ट्रीय साहित्यिक संस्थानों से सैकड़ो से अधिक सम्मान प्राप्त ! सदस्य ~ भारतीय ज्ञानपीठ (आजीवन सदस्य) पता ~ ग्राम ~ चैनपुर  पोस्ट -चैनपुर, जिला - सीवान  पिन - 841203 (बिहार) What apps ~ 9934963293 E-mail - - [email protected]