कुण्डली/छंद

प्रीत

कलकल बहती धार, पवन रुमझुम लहराती।

झुमझुम डोले डाल, पुष्प सौरभ बिखराती।।

गुनगुन गाते गीत, भ्रमर प्रेमी दीवाने।

दीपक लौ मनमीत, प्रीत लिखते परवाने।।

*चंचल जैन

मुलुंड,मुंबई ४०००७८

Leave a Reply