लघुकथा

लघुकथा – गीला बिस्तर

“ सुनो जी वो बिस्तर पेटी में से टाट वाली गोदड़ी निकाल देना , मांजी के लिए बिछाना है।” नीलू की आवाज पर चौंका आशुतोष। “ क्यों टाट वाली गोदड़ी क्यों माँ के लिए ?”
“ अरे अब मांजी से कंट्रोल नहीं होता। उन्हें रात में कुछ पता भी नहीं चलता रोज रोज बिस्तर गीला कर देती हैं। मैं कब तक धोती रहूँगी ? “
आशुतोष असमंजस में था। कुछ सोचते हुए बोला “ यार टाट की गोदड़ी माँ को चुभेगी नहीं ?”
“ अरे नहीं उनको ज्यादा कुछ मालूम थोड़े ना पडेगा। सोये रहेंगे वो तो।” बाथरूम में घर के कपड़ों के साथ मांजी की गादी और नन्हे पप्पू के गीले पोतड़े और कपड़ों की बनी छोटी छोटी कथली धोते हुए नीलू ने जवाब दिया। आशुतोष के दिमाग में पिछले तीन महीनों से रोजाना रात को होने वाला घटनाक्रम घूम गया। नन्हा पप्पू रात भर में चार पाँच बार सू सू करके खुद के नेफी और निचे बिछाई गई कथली के अलावा नीलू के कपडे भी गीले कर देता था कभी कभी तो उसके कपडे भी कुछ कुछ गीले हो जाते थे।
बेचारी नीलू रात में चार चार बार जाग कर सब गीले कपडे बदलती थी। आशुतोष के मन में अचानक विचार कोंधा “ एक नन्हे अबोध बच्चे की परवाह के लिए तो ईश्वर ने माँ नाम का उसका रक्षक भेज दिया लेकिन इन अशक्त असहाय वृद्ध लोगों के लिए भी तो किसी को भेजा होता। “ यही सोचते हुए आशुतोष पलटा तभी उसकी नजर सामने दीवार में लगे बड़े आईने पर पडी जिसमें उसका स्वयं का अक्स नजर आ रहा था … फिर चौंका आशुतोष “ ओह क्या मुझे ? “

— महेश शर्मा

महेश शर्मा

जन्म -----१ दिसम्बर १९५४ शिक्षा -----विज्ञान स्नातक एवं प्राकृतिक चिकित्सक रूचि ----लेखन पठान पाठन गायन पर्यटन कार्य परिमाण ---- लभग ४५ लघुकथाएं ६५ कहानियां २०० से अधिक गीत२०० के लगभग गज़लें कवितायेँ लगभग ५० एवं एनी विधाओं में भी प्रकाशन --- दो कहानी संग्रह १- हरिद्वार के हरी -२ – आखिर कब तक एक गीत संग्रह ,, मैं गीत किसी बंजारे का ,, दो उपन्यास १- एक सफ़र घर आँगन से कोठे तक २—अँधेरे से उजाले की और इनके अलावा विभिन्न पत्रिकाओं जैसे हंस , साहित्य अमृत , नया ज्ञानोदय , परिकथा , परिंदे वीणा , ककसाड , कथाबिम्ब , सोच विचार , मुक्तांचल , मधुरांचल , नूतन कहानियां , इन्द्रप्रस्थ भारती और एनी कई पत्रिकाओं में एक सौ पचास से अधिक रचनाएं प्रकाशित एक कहानी ,, गरम रोटी का श्री राम सभागार दिल्ली में रूबरू नाट्य संस्था द्वारा मंचन मंचन सम्मान --- म प्र . संस्कृति विभाग से साहित्य पुरस्कार , बनारस से सोच्विछार पत्रिका द्वारा ग्राम्य कहानी पुरस्कार , लघुकथा के लिए शब्द निष्ठा पुरस्कार ,श्री गोविन्द हिन्दी सेवा समिती द्वाराहिंदी भाषा रत्न पुरस्कार एवं एनी कई पुरस्कार सम्प्रति – सेवा निवृत बेंक अधिकारी , रोटरी क्लब अध्यक्ष रहते हुए सामाजिक योगदान , मंचीय काव्य पाठ एनी सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से सेवा कार्य संपर्क --- धार मध्यप्रदेश – मो न ९३४०१९८९७६ ऐ मेल –mahesh [email protected] वर्तमान निवास – अलीगंज बी सेक्टर बसंत पार्क लखनऊ पिन 226024

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