कविता

भक्ति की शक्ति

प्रभु है सर्वे सर्वा जगत के तारणहार,
भक्ति की शक्ति है अद्भुत अपरंपार,
भक्ति अटल मृत्यु का मुंह मोड़ दे,
प्रभु को नाम स्मरण मात्र से खींच ले ।

युगों से आस्था,विश्वास चला आ रहा,
भगवान को भक्त भक्ति से पा रहा,
बचपन से सुनी ये सत्य कहानियां,
असंभव को संभव भक्ति ने किया ।

मीरा ने सशरीर परब्रह्म को पाया,
गजेंद्र ने ग्राह से छुटकारा पाया,
पाषाण अहिल्या का किया उद्घार,
नरसिंह मेहता के आए प्रभु द्वार ।

परीक्षाएं देनी पड़ती है इस पथ पर,
न होना कभी विचलित कर्म रथ पर,
अनेकानेक “आनंद” प्रसंग घटित हुए,
जिस रूप में ध्याया प्रभु प्रसन्न हुए ।

चमत्कार जिन्हें हम कह सकते हैं,
इसी शक्ति से पत्थर तैर सकते हैं,
सच्ची भक्ति ईश कृपा से मिलती,
भक्ति की शक्ति भाग्य बदल सकती ।

— मोनिका डागा “आनंद”

मोनिका डागा 'आनंद'

चेन्नई, तमिलनाडु

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