कुण्डली/छंद

रावण मर सकता नहीं

पुतले जीभर फूंकिए,और करो कोहराम
रावण मर सकता नहीं, कुछ भी रख लो नाम
कुछ भी रख लो नाम,कुटिल,ठग,भ्रष्टाचारी
एक मरे,दस पैदा होते पापाचारी
कह सुरेश श्रीराम एक रावण सौ उछले
मन के रावण मारो,चीख रहे हैं पुतले

— सुरेश मिश्र

सुरेश मिश्र

हास्य कवि मो. 09869141831, 09619872154