रावण वध
विजयादशमी पर
जगह जगह रावण मारा जा रहा था
हर कोई आतुर था
रावण का वध करने को
रावण के सिर एक एक
धरासाई हो रहे थे
गिरते गिरते वो अट्ठहास कर रहे थे
मुझे तुम मार नहीं सकते
मैं अजर हूँ मैं अमर हूँ
मैं तुम्हारें भीतर हूँ
जब तक तुम्हारें भीतर जिन्दा हूँ
मैं मर नहीं सकता
भले तुम ख़ुश होलो
मैंने रावण मार दिया
जब तक तुम खुद को मारोगे नहीं
मैं तब तब जिन्दा ही रहूँगा