कृतज्ञता के आंसू
बहुत इंतजार के बाद मां दुर्गे के पावन पर्व नवरात्रि उत्सव का आगमन हुआ. भक्ति भाव से सराबोर इस त्योहार के कीर्तन-जगरातों में लच्छी दादी शक्ति और उल्लस का पर्याय बन गई थी. सरपंच जी के घर जगराते की तैयारी हो गई थी, पर जोत जलाने के लिए 87 वर्षीय दादी को ढूंढा जा रहा था.
भक्ति भाव से मां अम्बे की पूजा आराधना के साथ दादी खुद को स्वस्थ रखने के सारे जतन करती थी. आज भी जगराते के लिए पैदल ही निकली थी. उम्र का तकाजा देखिए, रास्ता ही भूल गई. उसको परेशान देखकर एक महिला पुलिस ने उसे जगराते में पहुंचा दिया. लच्छी दादी को लगा कि महिला पुलिस के रूप में मां अम्बे खुद उसको जगराते में पहुंचा गई थी. मंत्रोच्चारण के साथ लच्छी दादी ने जोत जलाई और जगराते का आगाज़ हो गया. दादी की आंखों में मां के प्रति कृतज्ञता के आंसू थे.
— लीला तिवानी