खुशियों का वरदान हो
होंठों पर मुस्कान हो,
अपनेपन की शान हो,
है जरुरी रहें खुश सदा,
खुशियों का वरदान हो।
वाणी में हो मधुरता,
मुखड़े पर सौम्यता,
प्रभु-प्रेम में मगन मन,
मन में हो सरलता।
खुद में हो दृढ़ विश्वास,
स्नेह-प्रेम का उजास,
परोपकार की भावना,
आनंद का मधुमास।
क्षमा करने का संबल,
हार न करे कभी निर्बल,
हार के बाद जीत भी होती,
हृदय रहे शुद्ध और निर्मल।
— लीला तिवानी