लघुकथा

दृष्टिकोण!

सीनियर सिटिज़ंस की मीटिंग चल रही थी. एक घंटे का योग का कार्यक्रम समाप्त हो चुका था. अब चाय-स्नैक्स का टाइम था. एक तरफ पुरुष बैठे थे, दूसरी तरफ महिलाएं. स्नैक्स की प्लेट में नमकपारे भी थे,. सविता के पतिदेव का सुबह बी.पी, हाइ निकला था, इस्लिए उन्होंने नमकपारे खाना उचित नहीईं समझा. एक कर्मचारी के द्वारा उन्होंने सविता को भेज दिए.
“मिर्च ज्यादा लगी होंगी, इसलिए भेज दिए होंग!” साथ बैठी एक महिला ने कहा.
“बात ये नहीं है, वे शेयर करके खाना चाहते होंगे!” सामने बैठी एक और महिला ने कहा.
“लो जी कर लो बात…यह तो दृष्टिकोण का कमाल है!” दूसरी तरफ बैठी महिला पीछे क्यों रहती!
“सचमुच दृष्टिकोण से ही व्यक्ति का व्यक्तित्व झलकता है.” सोचकर सविता मुस्कुरा दी.

— लीला तिवानी

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

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